रक्तवीर संगीता गॉड ने अपने जीवन में किये अनेक सामाजिक कार्य और लोगों को दी प्रेरणा। जिसके लिए वह बार-बार हुई सम्मानित।
संवाददाता नागपाल शर्मा की खास खबर।
विस्तार। explanation
Machadi alwar: रक्तवीर संगीता गौड़ Sangeeta Godh राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय Government Girls Higher Secondary School बालेटा अलवर baleta Alwar प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है । एवं जिला सचिव अलवर हिंदुस्तान स्काउट India’s scout एंड गाइड का इनके पास पद है। इनके द्वारा अब तक विद्यालयों मे बहुत सारे कार्य कराये गये है।
ज़ब ये राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तालाब मे व्याख्याता के पद पर कार्यरत थी उस समय इनके द्वारा तालाब के सरकारी विद्यालय government school मे बहुत से कार्य करवाए गये। जब इन्होंने तालाब विद्यालय मे ज्वाइन किया उस समय विद्यालय की स्थिति बहुत ख़राब थी। जगह जगह गड्ढे हो रखे थे। बरसात के दिनों मे विद्यालय मे पानी भर जाता था जिससे विधार्थियो को विद्यालय आने मे असुविधा होती थी। तब इन्होंने सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर विद्यालय को एक नया रूप दिया।
दीवारों पर रंगरोगन,पेड़ पौधे,स्वच्छ टॉयलेट Painting, trees and plants, clean toilet आदि कार्य इनकी मेहनत के द्वारा करवाये गये। आज तालाब का सरकारी विद्यालय एक सेल्फी पांइट के रूप मे क्षेत्र मे अपनी पहचान बना चुका है। इसकें अलावा गरीब जरूरतमंद बच्चों को जूते,जुराब,किताब,जर्सी,बैग,पानी की बोतल shoes, socks, book, jersey, bag, water bottle आदि सामग्री भामाशाओ को प्रेरित कर उपलब्ध करवाई गयी है।
इस कार्य के लिये इन्हें शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार माननीय गोविंद डोटासरा राज्य स्तरीय भामाशाह प्रेरक अवार्ड से सम्मानित किया गया। तालाब मे अपनी सेवाएं देने के बाद इनकी पदोन्नति प्रधानाचार्य के पद पर हुई और इन्हें नागौर के संखवास मे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संखवास नागौर में प्रधानाचार्य के पद पर भेजा गया।
वहां प्रधानाचार्य के पद पर ज्वाइन किया और उसी समय विद्यालय के लिये कुछ अच्छा करने का संकल्प लिया। मात्र डेढ़ महीने का कार्यकाल मे इन्होंने उस विद्यालय मे इतने सारे काम करवाये जिससे की 35 साल पुराने उस विद्यालय का चयन पीएम श्री योजना मे हुआ। विद्यालय की इतनी बड़ी उपलब्धि के लिये वहां के निवासियों ने एवं विद्यालय स्टाफ ने इनका बहुत सम्मान किया।
वहां से ट्रांसफर हो कर ये अलवर जिले के मालाखेड़ा ब्लॉक राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बालेटा अलवर मे पदभार ग्रहण किया। इस विद्यालय को ज्वाइन करने से पूर्व ही सीनियर सेकेंडरी मे पदोन्नत किया गया। इस विद्यालय मे ज्वाइन करने के कुछ समय बाद से ही इस विद्यालय के नए भवन एवं खेल मैदान के लिये प्रयास करने लग गयी।
चूकि वर्तमान मे विद्यालय मे मात्र तीन कमरे थे।और जिसमे सीनियर स्तर तक की कक्षाओं का संचालन कर पाना मुश्किल हो रहा था। बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा था। बारिश के दिनों मे बच्चों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती थी। विद्यालय भवन एवं खेल मैदान की जमीन हेतु इन्होंने सभी प्रशासनिक अधिकारियो,जनप्रतिनिधि,आदि से मिला चुकी थी। अभी हाल ही मे माननीय शिक्षा मंत्री को भी इस समस्या के बारे मे अवगत करा दिया गया।
कृषि विभाग जॉइन डायरेक्टर साहब पी.सी. मीणा से भी समन्वय स्थापित करने की कोशिश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। फिर भी इनका ये संघर्ष जारी रहा और संघर्ष करती रहेगी चाहे कितना भी समय क्यू ना लगे। विद्यालय मे इनकी प्रेरणा से गरीब बच्चों के लिये जूते, जर्सी,बैग,यूनिफार्म आदि सामान भामाशाओ के द्वारा उपलब्ध करवाये गये।
इनकी प्रेरणा से भामाशाओ की मदद से विद्यालय मे दरी-पट्टी, अलमारी,कुर्सी,मेज,माइक स्टेंड, कंप्यूटर,टॉइलेट निर्माण, विद्यालय पेंट,पानी की टंकी,ट्यूब लाइट,मोटर Carpet, cupboard, chair, table, mic stand, computer, toilet construction, school paint, water tank, tube light, motor ,आदि सामान उपलब्ध करवाये गये है। साथ ही इन्होंने और वरिष्ठ अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षिका लष्मी देवी के जुनून ने ऊबड़ खाबड़ जमीन को जेसीबी चलवाकर मिट्टी डलवाकर शानदार खेल का मैदान बनवा दिया।
शिक्षा के क्षेत्र मे कार्य करने के साथ साथ इनका मकसद है सबकी जान बचाना। इनका लक्ष्य है कि कभी भी किसी व्यक्ति की जान ब्लड ना मिलने से ना जाये। रक्तदान के क्षेत्र मे ये बहुत एक्टिव रहत थी। अब तक इन्होंने स्वयं के द्वारा 40 बार रक्तदान किया है। इनकी प्रेरणा से 7903 लोगों ने रक्तदान किया है एवं अब तक इनके द्वारा 5365 लोगों को ब्लड उपलब्ध करवाया गया है। इनकी जिंदगी का एक ही मकसद है की अगर इनके शरीर के रक्त की एक एक बूँद से एक एक कतरा किसी का जीवन बचता है तो भी ये कभी पीछे नहीं हटेंगी।
इसके अलावा सामाजिक कार्यों मे भी ये हमेशा अग्रणी रहती हैं। हर साल ये अपना जन्मदिन अनाथ आश्रम मे जा कर वहां रह रही बच्चियों के बीच मे जा कर मनाती है। जिससे इन्हें बहुत खुशी मिलती है। इनकी प्रेरणा से बहुत से लोगों ने अपना जन्मदिन अनाथ आश्रम मे जा कर मनाने का संकल्प लिया है।
पर्यावरण के क्षेत्र मे भी इनके द्वारा बहुत से कार्य किये गये है।ये अब तक लगभग 12000 पौधे लगा चुकी हैं। साथ ही अब तक 1300 परिंदे पक्षियों के लिए एवं जरूरतमंद लोगों को इनके द्वारा कम्बल,जूते वितरण किये जा चुके हैं।
कोरोना कॉल में 6500 लोगों के वैक्सीन लगवाई एवं 299 लोगों को प्लाज्मा उपलब्ध करवाया।लोगों को ऑक्सिजन के सिलेडर,मास्क, वितरण,भोजन वितरण,पक्षियों एवं जानवरों के लिए भोजन उपलब्ध Oxygen cylinders, masks, distribution, food distribution, food for birds and animals available. करवाना,इत्यादि ।
इन्हें राज्यपाल पुरुष्कार,राज्य स्तरीयभामाशाह प्रेरक अवार्ड,अलवर गौरव अवार्ड,राजस्थान गौरव अवार्ड, कोरोना योद्धा अवार्ड,iedal women achievement award, माननीय कलेक्टर द्वारा 5 बार सम्मानित,बेस्ट टीचर अवार्ड, इंटरनेशनल अचीवमेंट अवार्ड,जय हो नेशनल अवार्ड,मदर टेरेसा समर्पण अवार्ड ,पर्यावरण मित्र अवार्ड,रक्त वीरांगना अवार्ड,उपखंड अधिकारी महोदय द्वारा 2 बार सम्मानित, एवं अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मान प्राप्त किया गया है। शासन सचिव कृष्ण कुणाल एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया।
यह भी देखेhttps://youtu.be/_OGmcSgqyO0?si=ln7wrXsbDv013wxW
यह भी पढ़े https://swatantramediabharat.com/8058/