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मथुरा। आपको बता दें कि ब्रजवासी गौ रक्षक सेना भारत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत धर्म दास महाराज ने बताया कि गौ माता की विशेषता और गौ माता हमारी कैसे माता माननी चाहिए। एक दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माइया जशोदा से कहा कि हम गौ माताओं को चराने जाएंगे। जशोदा माइया ने कहा बेटा आप छोटे हो। तभी बलदाऊ ने कहा कि माइया हम जा रहे हैं और हमारे साथ मनसुखा, श्रीदामा और अन्य सखा श्याम का ध्यान रखेंगे। जशोदा माइया भेज दो।गौपा अष्टमी के दिन जशोदा माइया ने भगवान श्री कृष्ण को मइया चराने के लिए भेजा। तथा सुबह बहुत सुंदर जुतिया लेकर आई और श्री कृष्ण से बोली लला अपने पैरों में जुतिया पहन कर जंगल में जाना क्योंकि जंगल में कांटे, कंकड़ आपके कोमल पैरों में चुभ जाएंगे। तभी भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माइया जशोदा से कहा माइया आप मंदिर रोजाना सुबह जाती हों। और नंगें पैर क्यों जाती हों।माइया जशोदा बोली लला वह हमारे इष्ट देव विराजमान हैं उनके सामने भला हम चप्पल और जुतिया कैसे पेहर सकते हैं। हमारे इष्ट देव नाराज हो जाएंगे। तभी छोटे से बाल कृष्ण बोले माइया संसार की जो जननी माता हमारी गौ माता है जिसमें तैंतीस करोड़ देवी-देवता वंस करते हैं तो हम भला उनके सामने चुतिया कैसे पहन कर जाऐ वो भी नाराज़ हो जाएगी। भगवान श्री कृष्ण ने लगभग बारह साल तक गौ माता को चराया था वो भी नंगें पैर रहकर
गौ माता की विशेषता -किसी मनुष्य का विल्ड पेरसर बड़ता है तो वह मनुष्य देशी गाय माता के पास सुबह जाऐ और गौ माता के ऊपर दस से पंद्रह मिनट हाथ फेर और ग्यारह बार परिक्रमा लगाऐ। संत धर्म दास महाराज का वायदा है वो मनुष्य का विल्ड पेरसर कम हो जाएगा।
इस भूलोक पर जब जब अधर्मी लोगों का आतंक बड़ता है तब धरती मां गौ माता के रूप में भगवान श्री हरि के पास जाती है। और भगवान श्री हरि से गुहार लगाती है। ऐसा वेद पुराणों में लिखा हुआ है। ब्रजवासी गौ रक्षक सेना भारत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत धर्म दास महाराज ने यह सब ब्रजवासी गौ शाला में रहते थे तब खुद अपनी आंखों से देखा था एक दिन एक गौ माता के मुंह में तार से छील गया था संत धर्म दास महाराज ने चार दिन तक खाना पीना नहीं खाया था तथा सुबह दस बजे अपने शिष्यों के साथ ब्रजवासी गौ शाला में सफाई कर रहे थे उसी समय एक संत वैस में भगवान श्री कृष्ण आये और गौ शाला में घुमाते हुए गेट पर आ गये। तथा गेट पर ताला लगा है संत धर्म दास महाराज ने कहा प्रभु जी पानी गृहण करलो लेकिन संत महात्मा ने नहीं कर दी और बोले बच्चा गौ माताओं का ध्यान रखना।पलक झपकते ही संत महात्मा अंतर्ध्यान हो गये। संत धर्म दास महाराज ने चारों ओर देखा लेकिन संत महात्मा नहीं दिखे गेट पर ताला लगा था गेट के अन्दर थे बिना ताला खोले भला संत महात्मा कहा गये। संत धर्म दास महाराज समझ गये कि भगवान श्री कृष्ण आये थे उनके चरणों में नमन वंदन किया और उसी समय शपथ ग्रहण की मेरा जीवन केवल गौ माताओं के लिए है उसी दिन से अपना ध्यान केवल गौ माताओं पर लगा दिया। आज़ तक केवल गौ माताओं से प्यार करते हैं बाकी संसार में किसी भी से मतलब नहीं है
जब भगवान श्री कृष्ण छोटे से संत धर्म दास महाराजके पास आ सकतें हैं गौ माताओं की रक्षा और सेवा को देखने के लिए तो बताओं इस कलयुग में सत्य यही है कि गौ माता की रक्षा और सेवा करें आपके सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।आज इस भूलोक पर मनुष्य केवल मतलब और माया के लिए ढोंगी बने हुऐ हैं उन्होंने अपने जीवन का सदुपयोग करने में डर लगता है क्योंकि इस भूलोक पर आना और जाना सत्य है लेकिन मनुष्य इस भूलोक पर आकर सब भूलकर माया रुपी भवसागर में फंस जाता है।आज 10% संत और परिवारों में भगवान श्री कृष्ण की सच्ची भक्ति कर रहे हैं बाकी 60% लोगों को खाना, पीना और सोने में लगे हैं। तथा 30% लोगों को समाज और धार्मिक स्थलो पर दिखावा करने में लगे हैं। वैष्णव सम्प्रदाय का छोटा सा संत धर्म दास महाराज की यह बात जन-जन के जीवन को धन्य करने वाली है एक बार गौ माता की सेवा और रक्षा करके देखो आपकों खुद यकीन हो जाएगा। ब्रजवासी गौ रक्षक सेना भारत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत धर्म दास महाराज को फोन कर जानकारी जरुर दे इनका नम्बर -9568576382 पर। एक बार गौ माता की रक्षा और सेवा करें और अपनी जीवन लीला में गौ माता को आने से क्या फायदा हुआ जरुर बताऐ।
संत धर्म दास महाराज।